सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा कितनी सच्चाई से मुझ से ज़िंदगी ने कह…
Category: Bashir Badr
मुसाफ़िर के रस्ते बदलते रहे मुक़द्दर में चलना था चलते रहे मिरे रास्तों में उजाला रहा दिए उस की आँखों में जलते रहे कोई फूल सा हाथ काँधे पे था मिरे पाँव शो’लों पे जलते रहे सुना है उन्हें भी…
सुन ली जो ख़ुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं होदरवाज़े पे दस्तक की सदा तुम तो नहीं हो (सदा = आवाज़) महसूस किया तुम को तो गीली हुईं पलकेंभीगे हुए मौसम की अदा तुम तो नहीं हो अन्जानी सी राहों में नहीं…
ऐ हुस्न-ए-बे-परवाह तुझे शबनम कहूँ शोला कहूँफूलों में भी शोख़ी तो है किसको मगर तुझ-सा कहूँ गेसू उड़े महकी फ़िज़ा जादू करें आँखे तेरीसोया हुआ मंज़र कहूँ या जागता सपना कहूँ चंदा की तू है चांदनी लहरों की तू है रागिनीजान-ए-तमन्ना…
मैं कब तन्हा हुआ था याद होगा तुम्हारा फ़ैसला था याद होगा बहुत से उजले उजले फूल ले कर कोई तुम से मिला था याद होगा बिछी थीं हर तरफ़ आँखें ही आँखें कोई आँसू गिरा था याद होगा उदासी…
कोई फूल सा हाथ काँधे पे था मिरे पाँव शो’लों पे जलते रहे सुना है उन्हें भी हवा लग गई हवाओं के जो रुख़ बदलते रहे वो क्या था जिसे हम ने ठुकरा दिया मगर उम्र भर हाथ मलते रहे…
अगर यक़ीं नहीं आता तो आज़माए मुझे वो आइना है तो फिर आइना दिखाए मुझे अजब चराग़ हूँ दिन रात जलता रहता हूँ मैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए मुझे मैं जिस की आँख का आँसू था उस…