कुछ तो दुनिया कि इनायात ने दिल तोड़ दियाऔर कुछ तल्ख़ी-ए-हालात ने दिल तोड़ दिया हम तो समझे थे के बरसात में बरसेगी शराबआयी बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया दिल तो रोता रहे, ओर आँख से आँसू न…
Author: shajarekhwab
अब तिरी गर्मी-ए-आग़ोश ही तदबीर करे मोम हो कर भी पिघलना नहीं आता है मुझे शाम कर देता है अक्सर कोई ज़ुल्फ़ों वाला वर्ना वो दिन हूँ कि ढलना नहीं आता है मुझे कितने दिल तोड़ चुका हूँ इसी बे-हुनरी…
बन चुके बहुत तुम ज्ञानचंद,बुद्धिप्रकाश, विद्यासागर?पर अब कुछ दिन को कहा मान,तुम लाला मूसलचंद बनो!अब मूर्ख बनो, मतिमंद बनो! यदि मूर्ख बनोगे तो प्यारे,दुनिया में आदर पाओगे।जी, छोड़ो बात मनुष्यों की,देवों के प्रिय कहलाओगे!लक्ष्मीजी भी होंगी प्रसन्न,गृहलक्ष्मी दिल से चाहेंगी।हर…
सरे राह…..कहीं कोई मिल जाये ….हमसफ़र पर तन्हा तन्हा चाँद रहा तन्हा तन्हा जीवन का आसमाँ ….लफ्ज़ों ने कहा…..चांद तन्हा है आसमाँ तन्हादिल मिला है कहाँ कहाँ तन्हा…..राह देखा करेगा सदियों तकछोड़ जायेंगे ये जहाँ तन्हा……इश्क ने मारा ऐसा मारा…
यह मिट्टी की चतुराई है,रूप अलग औ’ रंग अलग,भाव, विचार, तरंग अलग हैं,ढाल अलग है ढंग अलग, आजादी है जिसको चाहो आज उसे वर लोहोली है तो आज अपरिचित से परिचय कर को ! निकट हुए तो बनो निकटतरऔर निकटतम…
तेरे गालों पे जब गुलाल गुलाल लगाये जहां मुझ को लाल लाल लगा– नासिर अमरोहवी बादल आए हैं घिर गुलाल के लालकुछ किसी का नहीं किसी को ख़याल– रंगीन सआदत यार ख़ां पूरा करेंगे होली में क्या वादा-ए-विसालजिन को अभी बसंत की ऐ…
बाबू मोशाय ! Please follow and like us:
ढल गया आफ़ताब ऐ साक़ीला पिला दे शराब ऐ साक़ी या सुराही लगा मेरे मुँह सेया उलट दे नक़ाब ऐ साक़ी मैकदा छोड़ कर कहाँ जाऊँहै ज़माना ख़राब ऐ साक़ी जाम भर दे गुनाहगारों केये भी है इक सवाब ऐ…
मेरी अदबी और ज़ाती जिंदगी दोनों ही सर गर्म थीं। अमृता से मुलाकातों का सिलसिला जारी था। हम जब भी करीब होते, मैंने यह बहुत बार महसूस किया कि अमृता बहुत शिद्दत से मेरे चेहरे, हाथ और उंगलियों पर गौर…
शेर से शाइरी से डरते हैं कम-नज़र रौशनी से डरते हैं लोग डरते हैं दुश्मनी से तिरी हम तिरी दोस्ती से डरते हैं दहर में आह-ए-बे-कसाँ के सिवा और हम कब किसी से डरते हैं हम को ग़ैरों से डर…